धर्मशाला,एक ओर भारत में रहे तिब्बती तिब्बत की निर्वासित सरकार की ओर से आयोजित होने वाले थैंक यू इंडिया कार्यक्रम मनाने की तैयारियों में जुटे हैं। तो दूसरी ओर केन्द्र की मोदी सरकार ने अपने नेताओं व अधिकारियों से ऐसे कार्यक्रमों से दूर रहने के लिये बाकयदा एडवाईजरी जारी की है।
केन्द्र की ओर से जारी एडवाईजरी में कहा गया है कि इस समय भारत के चीन के साथ रिशते बेहद नाजुक दौर में हैं। लिहाजा बदले हालात में वरिष्ठ नेताओं और केंद्र और राज्य सरकार के कर्मचारियों को इस महीने के अंत में शुरू होने वाले कार्यक्रम थैंक यू इंडिया कार्यक्रम में शामिल नहीं होना चाहिये।
भारत में साल भर तक चलने वाले थैंक यू इंडिया कार्यक्रम की इन दिनों जोरदार तैयारियां चल रही हैं। लेकिन केन्द्र सरकार के ताजा फरमान ने तिब्बतीयों को परेशानी में डाल दिया है।
दरअसल कैबिनेट सचिव पीके सिन्हा ने साफ कहा है कि नेतागण और कर्मचारी तिब्बतीयों के अध्यात्मिक नेता दलाई लामा के कार्यक्रम का हिस्सा ना बने क्योंकि इस वक्त इंडो-चीन के रिलेशन पर बातें हो रही हैं, दलाई लामा के कार्यक्रम में अगर भारतीय नेतागण और कर्मचारी शामिल होते हैं तो इसका प्रतिकूल प्रभाव इस वार्ता पर पड़ सकता है, ऐसे में अगर थोड़ी सतर्कता बरती जाए तो अच्छा होगा। काबिले गौर है कि चीन ने अध्यात्मिक नेता दलाई लामा को खतरनाक अलगाववादी बताया मालूम हो कि चीन ने तिब्बत के आध्यात्मिक गुरु दलाई लामा को खतरनाक अलगाववादी बताता आया है। इससे पहले जनवरी के महीने में भारत में धार्मिक यात्रा पर आए चीनी निंयत्रण वाले तिब्बत में रह रहे तिब्बतियों को चीन ने वापस देश लौटने का फरमान जारी किया था। चीन इस बात को लेकर नाराज था कि यह तिब्बती अपनी धार्मिक यात्रा के तहत धार्मिक स्थलों पर जाने के बजाए बोध गया में दलाई लामा के प्रवचनों को सुन रहे हैं। दलाई लामा समय-समय पर चीन की सरकार की नितियों की आलोचना करते रहे हैं तो चीन भी दलाई लामा का विरोध करता रहता है लेकिन इस बार केंद्र सरकार की ओर से दलाई लामा के प्रोग्राम के लिए सूचना जारी की गई है, ये एक चौंकाने वाली बात है।