जिस शहर का नाम होम्स था वहां अब घर ही नहीं बचे,पांच लाख लोगों की लाशों का शहर बना

दमिश,सात साल में अगर कोई देश खंडहर में तब्दील हो जाए और शहर के लोग लाशों में तो इस तबाही का अंदाजा लगाया जा सकता है। आईएसआईएस और विद्रोहियों के साथ-साथ खुद सीरिया की सरकार ने ही अपने मुल्क के सीने पर इतने सारे बम गिराए कि पूरा शहर के ऊपर खंडहर बस गया। कभी जिस शहर का नाम होम्स रखा गया था वहां अब घर ही नहीं बचे हैं। सात साल की लंबी लड़ाई के बाद सीरिया ने अब अपने अंदर से जो तस्वीरें बाहर उगली हैं उसे देखकर किसी को भी शहर पर रोना आ जाए।
होम्स,सीरिया का तीसरा सबसे बड़ा शहर है। बस सात साल पहले तक ये शहर ना सिर्फ ज़िंदा था। बल्कि ज़िंदगी से गुलज़ार भी। खूबसूरती इतनी कि यूनेस्को की भी नज़र इस शहर इस शहर को लगी थी इसलिए यूनेस्को ने इस शहर को विश्व धरोहर में शुमार कर दिया। गुलज़ार दुकानें, रेस्तरां, मस्जिद, गिरजाघर शहर की धड़कनें थीं। क़रीने से बने घर शहर का आशियाना जिसमें लोग बसते थे।
पहली नजर में ऐसा लगता है कि मानों इस शहर में कोई ज़लज़ला आया था। जिसने पूरे शहर को खंडहर बना दिया। यह जलजला जंग के भूखे इंसानों के बमों और बारूद का ज़लज़ला। जिसने पूरे शहर को खंडहर बना दिय़ा। होम्स शहर की हर इमारत बम, टैंक, शेल और मोर्टार का शिकार हो चुकी है। इस शहर के खंडहर हो जाने की तस्वीर शायद ही इतनी जल्दी सामने आती। मगर इत्तेफाक से एक हालिया ड्रोन फुटेज में इस शहर की तबाही रिकार्ड हो गई। तब पता चला कि इस शहर पर हजारों-लाखों टन बारूद और बड़-बड़े बम बरसे। आसमान से बरसाए गए बमों ने हंसते खेलते पूरे होम्स शहर को खंडहर बना कर रख दिया। आलम ये कि अब तस्वीरों में भी इंसान नजर नहीं आ रहे।

 

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