अब महाराष्ट्र सरकार बेचेगी पतंजलि के प्रोडक्ट

मुंबई, महाराष्ट्र सरकार ने योग गुरु बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि के उत्पाद आपले सरकार सेवा केंद्र (ई सेवा केंद्र ) के माध्यम से बेचने का निर्णय लिया है। इस संबंध में राज्य सरकार ने एक परिपत्र जारी किया है। यह पहला मौका है ,जब एक निजी कंपनी के उत्पादों को सरकार के माध्यम से बेचा जाएगा। आपले सरकार सेवा केंद्र के माध्यम से आम लोगों को राशन कॉर्ड, जन्म प्रमाणपत्र, आय और अधिवासी प्रमाणपत्र, पैन कार्ड से संबंधित सेवाएं प्रदान की जाती है। सामान्य प्रशासन विभाग के सूचना और तकनीकी विभाग ने इस बारे में शासन निर्णय जारी किया है। इस निर्णय का अन्य उद्योगपतियों और विपक्ष ने कड़ा विरोध किया है।
प्रत्येक ग्राम पंचायत क्षेत्र में आपले सरकार सेवा केंद्र स्थापित किए जा रहे हैं। पांच हजार से अधिक जनसंख्या पर दो सेवा केंद्र स्थापित किए जाएंगे जबकि शहरी इलाकों में २४ हजार जनसंख्या के पीछे एक और नगर पंचायत के इलाकों में पांच हजार से अधिक आबादी पर दो केंद्र स्थापित किए जाएंगे।
इधर विपक्ष ने सरकार के इस निर्णय की तीखी आलोचना की है। महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अशोक चव्हाण ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार पतंजलि की एजेंट बन गई है और बाबा रामदेव सरकार के असली लाभार्थी है, ऐसे में सरकार को “मी लाभार्थी ” के विज्ञापनों में बाबा रामदेव की तस्वीर लगानी चाहिए। चव्हाण ने कहा कि राज्य सरकार जनता के हितों को काम को छोड़कर पतंजलि सरीखी कंपनी की वितरक बन गई है। इसके पहले सरकार ने कौडिय़ों के दाम पर पतंजलि को ६०० एकड़ जमीन दी है। विधानपरिषद में विपक्ष के नेता धनंजय मुंडे ने सवाल किया कि पतंजलि पर सरकार इतनी मेहरबानी क्यों हैं? आपले सरकार सेवा केंद्रों को दुकान ही बनाना है तो स्पर्धात्मक निविदा निकालकर अन्य भारतीय कंपनियों के प्रोडक्ट भी बिक्री के लिए रखे जाए। विधानसभा में विपक्ष के नेता राधाकृष्ण विखे पाटिल ने मांग की क‍ि यह परिपत्र तत्काल रद्द करना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह सरकार मुठ्ठी भर उद्योगपतियों के लिए है, यह एक बार फिर सिद्ध हो गया है।

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