वडोदरा,राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सोमवार को वड़ोदरा में आयोजित एम.एस. विश्वविद्यालय के 66वें दीक्षांत समारोह में छात्रों से कहा कि विश्वविद्यालय से बाहर निकलकर व्यवहारिक और जीवन की पाठशाला की चुनौतियों के खिलाफ अपनी प्रतिभा को उजागर कर समाज और देश के विकास के साथ तालमेल बिठाने का समय आ गया है।
उन्होंने कहा कि युवा यदि चित्त, एकाग्रता, निष्ठा और ईमानदारी के साथ चलें, तो किसी भी चुनौती का सामना कर सकते हैं। वसंत पंचमी के शुभ दिवस पर आयोजित दीक्षांत समारोह को सुखद संयोग करार देते हुए उन्होंने कहा कि वसंत पंचमी और शिक्षा का सीधा नाता होता है। छात्रों को शुभकामना देते हुए कोविंद ने कहा कि यहां से उपाधि प्राप्त करने वाले छात्रों के जीवन में मां सरस्वती की कृपा सदैव बनी रहे। समारोह में 159 मेधावी छात्रों को 267 स्वर्ण पदक के साथ 14 विभिन्न संकायों के 11 हजार छात्रों को उपाधि प्रदान की गई। अपने दीक्षांत भाषण में राष्ट्रपति ने पदक और उपाधि प्राप्त करने वालों में छात्राओं की उल्लेखनीय संख्या के मद्देनजर इसे गुजरात ही नहीं बल्कि समग्र देश के लिए गौरवपूर्ण बताया और कहा कि गुजरात सरकार ने समाज के निरंतर प्रगतिशील होने को सिद्ध कर दिखाया है। उन्होंने कहा कि बेटियां आगे बढ़ेंगी, तो देश आगे बढ़ेगा। बेटियां देश के विकास का प्रतिबिंब हैं। अपने दो दिवसीय गुजरात दौरे के दौरान गुजरात की आधारभूत संरचनाओं, आधुनिक सुविधाओं एवं विकास का माहौल देखकर उन्होंने मुख्यमंत्री सहित राज्य सरकार की पूरी टीम की सराहना की।
शैक्षणिक सुधार के क्षेत्र में महाराजा सयाजीराव के प्रयासों का उल्लेख करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि सयाजीराव ने उस दौर में अपने राज्य में अनिवार्य प्राथमिक शिक्षा की शुरुआत की थी। एमएस विश्वविद्यालय द्वारा स्थापित उच्च मानदंडों के संदर्भ में उन्होंने कहा कि देश के अन्य राज्यों के अलावा विदेशों से भी छात्र यहां अध्ययन के लिए आते हैं।