अखिलेश लड़ सकते हैं डिंपल की सीट पर लोकसभा चुनाव

लखनऊ, सोमवार को अपने चाचा शिवपाल यादव के जन्मदिन के दिन समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अगले लोकसभा चुनाव अपनी पत्नी की सीट कन्नौज से लड़ने के संकेत दिए। अखिलेश ने कहा कि अगले लोकसभा चुनाव लड़ने के संबंध में एक सवाल पर कहा कि नेताजी तो मैनपुरी से लड़ने वाले है। जानकारी के अनुसार यादव ने कहा कि हमारी पार्टी तय करेगी कि किसको कहां से लड़ना है। कन्नौज लोहिया जी का है, मेरी इच्छा होगी कि मैं भी वहीं से लड़ूं। अखिलेश की पत्नी डिपंल यादव इस समय कन्नौज से सांसद हैं। पूर्व मुख्यमंत्री की यह टिप्पणी पिछले साल सिंतबर में छत्तीसगढ़ के रायपुर में दिए गए बयान के लिहाज से खासी महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
बात दे कि अखिलेश ने पिछले साल 24 सितंबर को रायपुर में बातचीत में राजनीतिक दलों में परिवारवाद के बारे में पूछे जाने पर कहा था कि अगर हमारा परिवारवाद है तो हम तय करते हैं कि अगले चुनाव में हमारी पत्नी चुनाव नहीं लड़ेंगी। भाजपा का भी परिवारवाद होगा। उसके परिवारवाद की भी बात करनी चाहिए। डिम्पल ने वर्ष 2009 में फिरोजाबाद लोकसभा उपचुनाव में पहली बार अपनी किस्मत आजमाया था लेकिन उन्हें पराजय का सामना करना पड़ा था। वर्ष 2012 में अखिलेश ने प्रदेश का मुख्यमंत्री बनने के बाद कन्नौज से सांसद पद से इस्तीफा दिया था। उसके बाद हुए उपचुनाव में डिम्पल पहली बार निर्विरोध निर्वाचित हुई थीं। साल 2014 में हुए लोकसभा चुनाव में डिम्पल एक बार फिर इस सीट से जीती थीं। डिम्पल ने पिछले विधानसभा चुनाव में पार्टी के लिए जमकर प्रचार किया था।

मैं नेताजी के साथ हूं, जो वो कहेंगे वहीं करुंगा : शिवपाल
विधानसभा चुनाव से पूर्व समाजवादी पार्टी में लूपलाइन में पहुंचे वरिष्ठ नेता एवं विधायक शिवपाल यादव ने नई पार्टी बनाने की अटकलों के बीच कहा कि वह अब भी सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव के साथ हैं और उनकी प्रार्थना है कि परिवार फिर से एकजुट हो। शिवपाल ने अपने जन्मदिन के मौके पर नई पार्टी बनाने की सम्भावनाओं के बारे में पूछे जाने पर कहा,हम नेताजी (मुलायम) के साथ हैं। नेताजी का जो आदेश होगा, हम उसका पालन करने को तैयार है। उन्होंने कहा, आज भी हमारी सब लोगों से यही प्रार्थना है कि परिवार एक हो जाए। एक होकर ही हम साम्प्रदायिक शक्तियों और भ्रष्टाचार से लड़ सकते हैं। शिवपाल ने कहा कि प्रदेश में इस वक्त बड़ी चुनौतियां हैं। पूरे प्रदेश की जनता परेशान है। खासकर किसान और नौजवान बहुत परेशान हैं। महंगाई के साथ-साथ उत्तर प्रदेश में जो लूट हो रही है। भ्रष्टाचार लगातार बढ़ता जा रहा है और कहीं किसी की सुनवाई नहीं हो रही है। शिवपाल के समर्थकों ने उनका जन्मदिन ‘संघर्ष दिवस‘ के रूप में मनाया। मालूम हो कि पिछले साल सपा पर वर्चस्व की लड़ाई में अपने भतीजे अखिलेश यादव की जीत के बाद से शिवपाल पार्टी में हाशिये पर हैं। इस दौरान सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव लगातार शिवपाल के साथ खड़े दिखायी दिये। उस वक्त ऐसी अटकलें थीं कि शिवपाल मुलायम से बगैर नयी पार्टी बनाएंगे, मगर ऐसा नहीं हुआ।

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