रांची, झारखंड विधानसभा के बजट सत्र में मुख्य सचिव , पुलिस महानिदेशक और एडीजी को पद से मुक्त करने की मांग पर अड़े विपक्षी दलों ने आज मुख्य सचिव राजबाला वर्मा पर सदन की गरिमा का मजाक उड़ाने का आरोप लगाया है।
झाविमो के प्रदीप यादव ने आज भोजनावकाश के बाद आसन का ध्यान इस ओर आकृष्ट कराते हुए कहा कि शुक्रवार को जब मुख्यमंत्री रघुवर दास की ओर से सदन में राज्य सरकार की ओर से की जा रही कार्रवाई की जब जानकारी दी जा रही थी, तो अधिकारी दीर्घा में मौजूद मुख्य सचिव मुस्कुरा रही थी, यह हंसी सदन की गरिमा का मजाक है और सदन की कार्यवाही का अपमान है। उन्होंने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री का यह कहना सही नहीं है कि मुख्य सचिव राजबाला वर्मा पर थोड़ी सी चूक का आरोप है। झाविमो विधायक ने बताया कि झारखंड कोषागार संहिता के नियम 4 और 73 में यह स्पष्ट लिखा है कि कोषागार के नियंत्रण पदाधिकारी उपायुक्त होंगे और उन्हें छह महीने में एक बार कोषागार का निरीक्षण करना होगा, राजबाला वर्मा भ करीब दो वर्ष तक प.सिंहभूम की उपायुक्त रही,ऐसे में कोषागार का निरीक्षण नहीं करना छोटी चूक की बजाय जानबूझ कर की गयी बड़ी भूल है।
नेता प्रतिपक्ष हेमंत सोरेन ने कहा कि विपक्ष जिस मुद्दे को लगातार उठा रहा है, उसपर कार्रवाई नहीं करना लोकतंत्र के लिए सबसे घातक विषय होगा। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री किस मजबूरी में मुख्य सचिव को क्लिन चिट रहे है, यह समझ से परे है। हेमंत सोरेन ने कहा कि मुख्य सचिव ने कल सदन की हंसी उड़ायी या फिर सीएम पर हंसी, यह पता नहीं, पर इतना जरुर कहना चाहेंगे कि सरकार को इस मामले में अविलंब कार्रवाई करनी चाहिए।