भोपाल,नगरीय विकास विभाग के नए नियमानुसार फीस चुकाकर विकास प्राधिकरणों की जमीन फ्री होल्ड हो सकेगी। विभाग विकास प्राधिकरणों के संपत्ति प्रबंधन और व्ययन नियमों में बदलाव कर रहा है। सूत्रों के मुताबिक विभाग ने नए नियम का मसौदा तैयार कर लिया है। मंत्री की अनुमति के बाद इसे कैबिनेट की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। मालूम हो कि अब तक प्राधिकरणों की जमीन को फ्री होल्ड नहीं कराया जा सकता था, जिससे पुराने प्रोजेक्ट में काफी समस्या आ रही थी। वहीं, विकास प्राधिकरण भी कई बार नियमों को शिथिल करने की मांग कर चुके हैं। नियमों को आसान बनाने के लिए मंगलवार को नगरीय विकास मंत्री माया सिंह ने सभी प्राधिकरणों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों की बैठक ली थी। संपत्ति प्रबंधन और व्ययन नियमों के तहत लैंडयूज बदलने के लिए लगने वाली फीस को भी तर्कसंगत बनाया गया है। सूत्रों के मुताबिक फीस में कुछ कटौती की गई है। साथ ही इस प्रक्रिया को भी आसान बनाया जा रहा है।
नियमों में यह प्रावधान भी किया जा रहा है कि यदि प्राधिकरणों की कोई संपत्ति नहीं बिक रही है तो उसकी कीमतें घटाई जा सकेंगी। इसके लिए फॉर्मूला तैयार किया गया है। बैठक में मंत्री माया सिंह ने कहा कि नियम आसान होने से छोटे उपभोक्ता और बड़े निवेशकों को लाभ मिलेगा। इसके साथ ही स्पष्ट नियमों से बड़े निवेशक भी प्रदेश में आएंगे। गौरतलब है कि रियल एस्टेट सेक्टर में केंद्र सरकार ने 100 प्रतिशत एफडीआई को मंजूरी दी है। इसके बाद राज्य सरकार ने इस क्षेत्र में बड़े निवेश बुलाने की तैयारी शुरू कर दी है। बैठक में नगरीय विकास विभाग के प्रमुख सचिव और आयुक्त विवेक अग्रवाल सहित अन्य अधिकारी भी मौजूद थे। सूत्रों के मुताबिक जमीन फ्री होल्ड कराने और लैंडयूज बदलने का अधिकार प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालन अधिकारी को दिया जाएगा। अधिकारियों के मुताबिक इस प्रावधान से एमपी नगर समेत कई मामले सुलझ जाएंगे। विकास प्राधिकरणों ने जमीन को फ्री होल्ड करने का प्रावधान कर लिया था, लेकिन नियमों में नहीं होने से समस्या आ रही थी।