इंदौर,मध्यप्रदेश के इंदौर में हुए 42 करोड़ के आबकारी घोटाले में राज्य सरकार द्वारा छह अधिकारियों को बहाल करते हुए इनके तबादले कर दिए गए हैं। आबकारी घोटाले में संजीव दुबे, धर्मेंद्रसिंह सिसोदिया, सुखनंदन पाठक, कौशल्या साबवानी, धनराजसिंह परमार और अनमोल गुप्ता को निलंबित कर दिया गया था। इन सभी अधिकारियों को अब बहाल कर दिया गया है। इस निर्णय की नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने आलोचना की है।
इन्हें अटैचमेंट वाली जगह पर पदस्थापना दी गई है। इन अधिकारियों को चार माह में ही बहाल करने के आदेश जारी कर दिए गए हैं। विभागीय सूत्रों के अनुसार बहाली के आदेश की फाईल को पहले ही मंजूरी दे दी गई थी, लेकिन आदेश जारी नहीं किए गए थे। आदेश बुधवार देर शाम जारी किए गए है। इन चारों पर घोटाले के आरोपियों के साथ मिलकर सरकार को लाखों का नुकसान पहुंचाने का आरोप लगा था। बीते साल सहायक आयुक्त संजीव दुबे को बचाने में आबकारी आयुक्त अरूण कोचर की भूमिका पर भी सवाल उठे थे। मामला सामने आने के बाद वित्त मंत्री जयंत मलैया को भेजी नोटशीट में आबकारी आयुक्त ने निलंबित हुए सहायक आयुक्त संजीव दुबे की तारीफ की गई थी, लेकिन सरकार के दबाब के चलते आखिरकार आबकारी आयुक्त को सहायक आयुक्त संजीव दुबे को निलंबित करना पडा। प्रशासन ने कुल 10 शराब ठेकेदारों और उनके छह आरोपियों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज कर कोर्ट में चालान पेश किए थे।
नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने इन अधिकारियों की बहाली पर सवाल उठाये हैं। नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए प्रदेश सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने ट्वीट किय, “प्रधानमंत्री मोदी कहते हैं न खाऊंगा न खाने दूंगा। मुख्यमंत्री शिवराज ने शपथग्रहण के बाद कहा भ्रष्टाचार में जीरो टालरेंस नीति होगी। हे ईश्वर इन लोगों की निर्लजता देखिए 42 करोड़ घोटाले के आरोपियों को बहाल कर दिया। घोटालेबाज ने क्या सत्ता शीर्ष पर बैठे लोगो के नाम उजागर करने की धमकी दी थी?”