दिव्यांग महिला पर्वतारोही अरुणिमा सिन्हा के महाकाल मंदिर में अपमान से बवाल

उज्जैन,दुनिया की सबसे ऊंची पर्वत चोटी पर चढ़ाई करने वाली पहली महिला होने का इतिहास रचने वाली दिव्यांग महिला पर्वतारोही अरुणिमा सिन्हा को महाकाल मंदिर में दर्शन करने के दौरान अव्यवस्थाओं का शिकार होना पड़ा। मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश नहीं कर पाने से आहत अरुणिमा मध्य प्रदेश सरकार से नाराज हो गई। उन्होंने रोते हुए कहा कि मध्यप्रदेश सरकार के बुलावे पर मैं कभी नहीं आऊंगी। उन्होंने यह भी कहा जहां साक्षात शिव रहते हैं, वहां पर्वत पर चढ़ने में इतनी दिक्कत नहीं हुई, जितनी यहां दर्शन में हुई। उन्होंने कहा प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को ट्वीट कर बताउंगी। मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री को ट्वीट करने की बात को लेकर अफसरों में हड़कंप भी मच गया है। क्यूंकि उज्जैन के महाकाल मंदिर में दिव्यांगों के लिए दर्शन की आदर्श व्यवस्था का राष्ट्रीय पुरस्कार मंदिर समिति प्रशासन को मिल चुका है। यह पुरस्कार इसी माह दिया गया है।
दरअसल, दिव्यांग महिला पर्वतारोही अरुणिमा सिन्हा रविवार तड़के दर्शन के लिए पहुंची थी। मंदिर कर्मचारियों के रोकने पर उन्हें एलईडी स्क्रीन पर भस्मारती दर्शन करने पड़े। फिर नंदीगृह-गर्भगृह तक पहुंचने में भी दो बार रोका। जिससे वो आहात हो गई। गर्भगृह से दर्शन के लिए चैनल गेट पर रैंप के समीप पहुंची तो सुरक्षाकर्मियों ने रोक दिया। मैंने परिचय दिया, बार-बार आग्रह किया। यह भी बताया दिव्यांग हूं लेकिन वे नहीं माने। बहस के बाद अकेले ही जाने की अनुमति दी। साथी दो महिलाओं को रोक दिया। नंदी हॉल में जाने लगी तो फिर रोका। फिर सुरक्षाकर्मियों ने मुझे धकियाते हुए कहा कि आप इन वस्त्रों में तो अंदर नहीं जा सकती हैं। जब मेरे साथ ऐसा व्यवहार हुआ तो एक आम दिव्यांग के साथ क्या होता होगा? इसका अंदाजा लगाया जा सकता है। बार-बार परिचय देने पर बमुश्किल दर्शन हुए। जिंदगी में कई विपदा देखी पर कभी आंसू नहीं आए। साल 2011 में राष्ट्रीय स्तर की वॉलीबॉल खिलाड़ी रहीं अरुणिमा सिन्हा को कुछ गुंडों ने चलती ट्रेन से फेंक दिया था| असहनीय पीड़ा में पूरी रात रेलवे ट्रैक पर गुजारने वाली अरुणिमा को इस घटना में अपना एक पैर गंवाना पड़ा और उनके दूसरे पैर में धातु की रॉड लगाई गई। लेकिन अरुणिमा ने हार नहीं मानी और एक खिलाड़ी के तौर पर अपने अंदर बसे जुनून को बरकरार रखते हुए घटना के महज़ दो साल के अंदर दुनिया की सबसे ऊंची जगह, माउंट एवरेस्ट फतह कर ली। दुनिया की सबसे ऊंची पर्वत चोटी पर चढ़ाई करने वाली पहली दिव्यांग महिला पर्वतारोही का उन्होंने इतिहास रचा है।

दुर्व्यवहार की घटना की होगी जाँच
महिला बाल विकास मंत्री श्रीमती अर्चना चिटनिस ने माउन्ट एवरेस्ट फतह करने वाली पहली दिव्यांग पर्वतारोही सुश्री अरुणिमा सिन्हा के साथ महाकाल मंदिर उज्जैन में हुए दुर्व्यवहार की घटना के संबंध में संभागायुक्त उज्जैन को दो दिन में जाँच प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने मंदिर में तत्काल ऐसी व्यवस्था सुनिश्चित कर अवगत कराने के निर्देश दिये हैं, जिससे किसी भी महिला के साथ ऐसी घटना की पुनरावृत्ति न हो। श्रीमती चिटनिस ने कहा है कि वे स्वयं दिव्यांग व्यक्तियों से व्यवहार के विषय पर महाकाल मंदिर की व्यवस्था में लगे सभी कर्मचारियों तथा पंडित एवं पुजारियों से मिलकर बातचीत करेंगी। उन्होंने कहा कि वे सुश्री अरुणिमा सिन्हा से मिलने शीघ्र ही लखनऊ जायेंगी और उन्हें फिर मध्यप्रदेश आने का निमंत्रण देंगी। श्रीमती चिटनिस ने कहा है कि वे देश की ऐसी बेटी हैं जिस पर हम सबको गर्व है।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *