आदिवासी लड़कियों को सीएम ने दिए उपहार पर अफसर उन्हें वापस ले गए

ग्वालियर,प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भले ही प्रदेश की ब्यूरोक्रेसी को अन्य राज्यों की तुलना में सबसे बेहतर बताएं और सभाओं में अफसरों की जमकर तारीफ करें, लेकिन वास्तविकता तो कुछ और ही है। आदिवासी सम्मेलन में अफसरों की यह हरकत तो शायद यही बताती है कि अफसरों को सीएम का जरा भी डर नहीं है। दरअसल, सीएम पहले सम्मेलन में जाकर भांजियों का दर्जा देकर कन्याओं की पूजा करते औऱ उन्हें उपहार देते हैं, जबकि उनके जाने के बाद अफसर बच्चियों से वह उपहार और पैसे वापस ले लेते हैं। घटना के बाद से ही अफसर चुप्पी साधे हुए हैं। कोई कुछ बोलने को तैयार नहीं। घटना शिवपुरी के आदिवासी सम्मेलन की है। यह घटना नौ दिसंबर को शिवपुरी के सेसई गांव के सहरिया आदिवासी सम्मेलन मे घटी, जहां आदिवासी बच्चियों को सीएम ने देवी का दर्जा देते हुए पैर धोकर पूजा-अर्चना की और उसके बाद उन्हें उपहार के रुप में कपड़े और 2100 रुपए दिए। लेकिन सीएम के जाते ही बच्चियों से वह उपहार और पैसे अधिकारियों द्वारा वापस ले लिए गए और उनके हाथ में सौ-सौ रुपये पकड़ा दिए गए। यह आरोप बच्चियों के माता-पिता और बच्चियों ने लगाया है। मामले के मीडिया में पहुंचते ही अफसरों ने चुप्पी साध ली है। उधर कलेक्टर का कहना है कि ऐसी कोई बात नहीं हुई। लड़कियों को उपहार मिलने के नाम पर भ्रमित किया गया है। नए कपड़े किसने पहनाए और किसने वापस लिए, इसकी जांच की जाएगी। अब इस मामले के खुलासे के बाद अफसर उन मैडम को तलाश रहे हैं, जो बच्चों के कपड़े ले गई हैं।

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