नए कुश्ती नियम जल्द देश में लागू हों : कृपाशंकर बिश्नोई

इन्दौर,यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग ने कुश्ती के नियमों में बड़ा बदलाव किया है। अब रेसलरों के लिए इन नियमों का पालन करना जरूरी होगा। इसलिए कुश्ती के हित को देखते हुए, हमें जितनी जल्दी हो सके नए कुश्ती नियमों को देश में लागू करना चाहिए, ना की जनवरी 2018 का इन्तजार।
अर्जुन अवार्डी कृपाशंकर बिश्नोई ने बताया कि नियमों में बदलाव से अब किसी भी चैंपियनशिप में पहलवानों का वजन एक दिन पहले नहीं बल्कि बाउट से दो घंटे पहले किया जाएगा, जिसकी जिसकी आदत भारतीय पहलवानों में नहीं है। अब तक एक ही दिन होने वाली सभी बाउट भी दो दिन में कराई जाएगी। पहले दिन सेमीफाइनल तक की बाउट होंगी तो दूसरे दिन रैपेचेज और मेडल के लिए मुकाबले होंगे। कृपाशंकर ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर नए नियम एक जनवरी से लागू होंगे और भारतीय पहलवानों को इन नियमों का ज्यादा कितना फायदा मिलेगा यह तो समय ही बताएगा। नियमों में बदलाव से फाइनल राउंड तक पहुंचने वाले पहलवानों को राहत मिलेगी क्योंकि अभी तक फाइनल राउंड तक के मुकाबले एक ही दिन होते थे। अब एक दिन का आराम मिलने से अगले दिन नई एनर्जी से मैट पर उतरेंगे। साथ ही रैपेचेज व मेडल के लिए अगले दिन होने वाली बाउट में किसी पहलवान का 2 किलो तक वजन बढ़ जाता है तो उसके बावजूद भी मुकाबला लड़ सकेगा। वहीं नए बदलाव के तहत ग्रीको रोमन मुकाबलों में किसी पहलवान को डिफेंस करने पर उसे बैठने की बजाय लेटना होगा। उसके बाद दूसरा पहलवान दांव लगाएगा।
कृपाशंकर ने बताया कि आधुनिक कुश्ती में वजन को नियंत्रित करने का महत्व अब बदल गया है। नए नीयम के अनुसार पहलवानों का वजन तौलने के तुरंत 2 घंटे बाद कुश्ती मुकाबले में उतरना होगा। कुश्ती मुकाबले पूरे दिन तक जारी रहेगे जब तक पहलवान पदक के अंतिम मैच तक नहीं पहुंच जाते। पदक फाईनल और रेपेचेज में पहुंचने पर कुश्ती अगले दिन होगी पहलवानों को अगले दिन के लिए 2 किलो वजन की छुट के साथ फिर से वजन तौला जाएगा। उन्होंने कहा कि इस बात से आप अनुमान लगाया जा सकता है कि नए नियमों के मुताबित वजन को नियंत्रित करना और उसके तुरंत बाद कुश्ती खेलना, दोनों बाते अपने आप में अलग अलग दो युद्ध खेलने जैसा है। वजन कम करने के तुरंत बाद कुश्ती करना बहुत मुश्किल है और फिर इसी प्रक्रिया को अगले दिन के लिए फिर से दोहराना एक चुनौती है। ऐसी स्थिति का सामना करने के लिए हमें अभी से हमारे पहलवानों को तैयार करना चाहिए और यह भारतीय कुश्ती संघ की जिम्मेदारी भी है की वो भारतीय पहलवानों की आदत को नए नियमों के अनुकूल बनाने में सहायता करें। वर्तमान में, भारतीय पहलवानों को एक नये मंच की जरूरत है जिस पर वे नए नियमों के तहत खेलते हैं। इसके लिए राष्ट्रीय चैम्पियनशिप की तुलना में कोई दुसरा अन्य बेहतर विकल्प नहीं था। अब नेशनल केम्प के दौरान ज्यादातर पहलवान अपनी वजन श्रेणी में बदलाव करेंगे। कई पहलवानों के अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिता में वजन नहीं लाने पर भी योग्य होने जैसी समस्याओं का सामना करना पडेगा। कुश्ती के हित को देखते हुए, हमें जितनी जल्दी हो सके नए कुश्ती नियमों को देश में लागू करना चाहिए ना की जनवरी 2018 का इन्तजार।
ये है नए नियम
बाउट से दो घंटे पहले पहलवानों का वेट किया जाएगा। एक दिन की बजाय अब दो दिन में होंगे प्रतियोगिता के मैच। रैपेचेज और मेडल के लिए मुकाबले दूसरे दिन होंगे, पहले दिन सेमीफाइनल तक की बाउट होंगी। रैपेचेज और मेडल की बाउट के लिए पहलवान का वजन दो किलो तक बढ़ने पर भी लड़ सकेगा। ग्रीको रोमन मुकाबलों में डिफेंस करने पर बैठने की जगह लेटना होगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *