रिश्‍वत केस- एसआईटी जांच की मांग खारिज, कोर्ट ने कहा,जजों की ईमानदारी पर अनावश्‍यक संदेह पैदा हुआ

नई दिल्‍ली,जजों के नाम पर घूस लेने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता कामिनी जायसवाल की याचिका को खारिज कर दिया है। अदालत ने कहा कि इस तरह की याचिका ने न्यायाधीशों की ईमानदारी पर अनावश्यक संदेह पैदा किया है। सुप्रीम कोर्ट ने वकील कामिनी जायसवाल की याचिका को खारिज करते हुए स्पष्ट कर दिया कि सीबीआई की प्राथमिकी किसी न्यायाधीश के खिलाफ नहीं है और किसी न्यायाधीश के खिलाफ इस तरह की शिकायत दर्ज करना भी संभव नहीं है। कोर्ट ने इस याचिका को अवमानना पूर्ण माना है। इस मामले पर कोर्ट ने कहा है कि इस तरह के मामलों से कोर्ट की छवि खराब हुई है। लेकिन कोर्ट ने इस तरह की याचिका दाखिल करने के लिए याचिकाकर्ता पर अवमानना की कार्रवाई नहीं की है।
न्यायमूर्ति आरके अग्रवाल, न्यायमूर्ति अरूण मिश्रा और न्यायमूर्ति एएम खानविलकर की पीठ ने मामले में एक न्यायाधीश को सुनवाई से हटाने के लिए प्रयास करने पर भी प्रतिकूल टिप्पणी की और कहा कि यह उचित नहीं है। जायसवाल ने वरिष्ठ वकील शांति भूषण और प्रशांत भूषण के माध्यम से मामले में न्यायमूर्ति खानविलकर के हटने की मांग की थी। खानविलकर ने खुद को मामले से हटाने से इनकार कर दिया था। पीठ ने कहा, ”इस तरह की याचिका दायर कर संस्थान को नुकसान पहुंचाया गया है और इसकी ईमानदारी पर अनावश्यक संदेह पैदा किया गया है।” याचिका में दावा किया गया था कि मेडिकल कॉलेजों से जुड़े मामलों के निपटारे के लिए कथित तौर पर रिश्वत लेने के आरोप लगाए गए थे। इसमें ओडिशा उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश इशरत मसरूर कुदुशी भी आरोपी हैं। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने न्यायाधीशों के नाम पर कथित रूप से रिश्वत लिये जाने वाले मामले को लेकर दायर याचिका पर सोमवार (13 नवंबर) को सुनवाई पूरी कर ली थी। इसी बीच सोमवार को अटार्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने कहा कि याचिकाकर्ता को इसे वापस ले लेना चाहिए क्योंकि इसने इस संस्था की प्रतिष्ठा का नुकसान पहुंचाया है।
बता दें के उड़ीसा हाईकोर्ट के एक पूर्व जज समेत कई लोगों पर मेडिकल कॉलजों का मामला कोर्ट में रफा-दफा करवाने के नाम पर रिश्वत लेने का आरोप था। सीबीआई ने 19 सितंबर को दर्ज की गई एफआईआर में उड़ीसा हाईकोर्ट के पूर्व जज इशरत मसरूर कुदुसी समेत कई लोगों को कथित करप्शन के मामले में आरोपी बनाया था। कुदुसी समेत 5 लोगों को गिरफ्तार किया गया। कुदुसी पर भुवनेश्वर के एक बिचौलिए के जरिए सुप्रीम कोर्ट से 46 मेडिकल कालेजों में रजिस्ट्रेशन पर लगी रोक से राहत दिलाने की साजिश रचने का आरोप है।

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