सुलह समझौते के लिये श्री श्री रविशंकर 16 को पहुंचेंगे अयोध्या

अयोध्या,अयोध्या में स्थित विवादित श्रीरामजन्मभूमि के सुलह समझौता के लिये आर्ट आफ लिविंग संस्था के संस्थापक श्री श्री रविशंकर आगामी 16 नवम्बर को अयोध्या आयेंगे। श्री श्री रविशंकर के प्रतिनिधि स्वामी भव्य तेज ने मंगलवार को यहां बताया कि आर्ट आफ लिविंग संस्था के संस्थापक श्री श्री रविशंकर आगामी 16 नवम्बर को अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि विवाद के शांतिपूर्ण हल के लिये सभी पक्षकारों से भेंट करके उनसे बातचीत करेंगे।
उल्लेखनीय है कि अयोध्या विवाद की सुनवाई कर रहे सर्वोच्च न्यायालय ने यह सलाह दी थी कि इस प्रकरण में वह सभी पक्षों को सुनने के बाद अपना निर्णय सुनायेगा। लेकिन यदि अदालत के बाहर आपसी बातचीत में इस विवाद का कोई सर्वमान्य हल निकलेगा तो इस पर उसे कोई आपत्ति नहीं होगी। सर्वोच्च न्यायालय को अपनी यह बात कहे काफी समय हो गया है। अब तो आगामी दिसम्बर के महीने से सर्वोच्च न्यायालय में हर दिन सुनवाई करने जा रहा है। इसी बीच अचानक आध्यात्मिक गुरू श्रीश्री रविषंकर ने अचानक यह कहा कि उनसेे अयोध्या विवाद सुलझाने के लिए दोनों ही पक्षों ने सम्पर्क किया है, इसलिए वह अब इस दिषा में आगे बढ़ने जा रहे हैं। उन्होंने षिया वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष वसीम रिजवी से मुलाकात की। यह वही वसीम रिजवी हैं जो पहले ही अयोध्या में राम मंदिर बनाये जाने की वकालत करते रहे हैं। वसीम रिजवी के षिया मुसलमान होने के कारण सुन्नी मुसलमान उनसे असहमत हैं। सुन्नी मुसलमानों के नेताओं और बाबरी मस्जिद के पक्षकारों का कहना है कि यह मस्जिद सुन्नियों की थी। ऐसे में षिया मुसलमानों या फिर षिया वक्फ बोर्ड का इससे कोई लेना देना नहीं है। उधर, मंदिर बने इस पक्ष में खड़े हुए चंद षिया मुसलमानों व नेताओं का कहना है कि बेषक बाबर सुन्नी था लेकिन उसका सेनापति मीर बाकी षिया मुसलमान था। मीर बाकी ने ही अयोध्या में हमला किया था और मस्जिद का निर्माण किया था।
उधर, श्रीश्री से मिलने के बाद शिया वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष वसीम रिजवी ने कहा कि विवादित भूमि पर ही मंदिर बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि विवाद को सुलझाने के लिए बातचीत आगे बढ़ चुकी है और 2018 में मंदिर कर निर्माण शुरू हो जाएगा। रिजवी ने कहा कि राम मंदिर अयोध्या में राम जन्मभूमि पर ही बनना चाहिए। उन्होंने कहा कि कोर्ट में इस मामले में शिया वक्फ बोर्ड भी पार्टी है क्योंकि बाबरी मस्जिद शिया मस्जिद थी। जब रिजवी से पूछा गया कि वह इतने सालों तक चुप क्यों थे तो उन्होंने कहा कि हम इतने दिन खामोश रहे तो इसका मतलब ये नहीं कि हमारा कोई अधिकार नहीं है। शिया वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष ने कहा कि श्री श्री रविशंकर के साथ समझौते के क्या-क्या बिंदु होने चाहिए इस पर बातचीत चल रही है ताकि दोनों समाज को अपनी हार महसूस न हो। उन्होंने कहा कि श्री श्री के आने से उम्मीद है कि ये मसला हल हो जाएगा। उन्होंने कहा कि कुछ मुसलमानों को छोड़कर सभी विवादित स्थल पर मंदिर बनाने को लेकर सहमत हैं। देश के पूरे मुसलमान हिंसा नहीं चाहते है। इस मुद्दे को बातचीत से सुलझाया जाना चाहिए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *