डेरे में वापस आया राम रहीम का परिवार,बाबा के बेटे ने संभाली बागडोर

सिरसा, साध्वियों से रेप के मामले में 20 साल की सजा काट रहे डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम का परिवार 61 दिनों के बाद डेरा में वापस आ गया है। 25 अगस्त को राम रहीम के दोषी करार होने के बाद से ही परिवार ने डेरा छोड़ दिया था। हालांकि परिवार के सभी सदस्यों ने मीडिया से दूरी बनाई हुई है। राम रहीम के दोषी साबित होने के बाद भड़की हिंसा को लेकर पुलिस ने डेरा में सर्च अभियान चलाया था। उस समय राम रहीम का परिवार डेरे को छोड़कर राजस्थान स्थित गुरुसर मोडिया में बने डेरे पर रहने के लिए चले गया था। वह 26 अक्तूबर को सिरसा डेरे में वापस आ गया है। सूत्रों के अनुसार राम रहीम के बेटे जसमीत इंसां ने डेरे की बागडोर संभालनी ली है। बता दें कि राम रहीम का परिवार हनीप्रीत के जेल जाने के बाद सामने आया है। उसके बाद जसमीत अपनी दादी नसीब कौर और परिवार के अन्य सदस्यों के साथ पिता राम रहीम से मिलने रोहतक की सुनारिया जेल गया था। बताया जाता है कि वहीं बाबा ने डेरा चलाने की जिम्मेदारी जसमीत को दे दी थी। बताया जा रहा है कि उसने डेरे में एक साध-संगत कराने की भी योजना बनाई है, पर वह परवान नहीं चढ़ पाई। खुफिया रिपोर्ट के आधार पर पुलिस ने उसे रोक दिया। लेकिन बेगू रोड स्थित पुराने डेरे में साध-संगत का आवागमन शुरू हो गया है। साध संगत आकर माथा टेककर चली जाती है। वहां कुछ श्रद्धालुओं ने प्रशासन से संगत की अनुमति भी मांगी थी, लेकिन मिली नहीं। राम रहीम की गिरफ्तारी और पंचकूला में हिंसा के बाद डेरा मुख्यालय के इर्द-गिर्द हरिय़ाणा पुलिस से लेकर अर्द्धसैनिक बल के जवानों की भारी संख्या में तैनाती थी, लेकिन अब पुलिस भी नाममात्र के लिए ही तैनात है। हालांकि बेगू रोड पर शाह सतनाम सिंह चौक और नेजियाखेड़ा नाके पर अब भी पुलिस तैनात है। डेरा के सत्संग हाल में प्रवेश के लिए बेगू रोड पर बने सभी गेट बंद हैं। गेट नंबर सात आधा खुला रहता है और उस पर डेरा सेवक तैनात हैं।

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